हर कहानी कुछ कहती हेै...पृष्ठ छ:



हर कहानी कुछ कहती है....

दो चींटियाँ थी , एक नमक के ढेर पर बिल बना कर रहती थी, और दूसरी चीनी के ढेर पर बिल बना कर रहती थी ! इसलिए नाम पडा़ sweety और salty!  दोनों में बड़ी मित्रता थी ! दोनों हर दिन एक दूसरे की कुशलक्षेम पूछ कर अपना अपना कार्य करती थी !
एक दिन salty ने sweety से कहा " बहन ना जाने मेरी जुबान को क्या हो गया है हर चीज कड़वी लगाती है मेरी जुबान का तो जैसे स्वाद ही बदल गया है "!
sweety ने हँस कर कहा " बहन तुम हर समय नमक के ढेर पर रहती हो इस कारण हो सकता है तुम्हारी ज़ुबान का स्वाद कड़वा हो गया हो ! इस लिए कुछ दिन मेरे पास आ कर रहो, तुम्हारी ज़ुबान का स्वाद मीठा हो जाएगा"!
salty को यह बात बहुत अच्छी लगी ! वह बोली " सही कह रही हो बहन में कुछ समय तुम्हारे साथ व्यतीत करूंगी शायद सब सही हो जाये" !
कुछ समय पश्चात salty sweety के साथ रहने लगी ! sweety ने उसका भरपूर्वक स्वागत किया ! उसे चीनी भरे मिस्ठान खिलाये ! कुछ दिनों बाद salty बोली "बहन में तुम्हारी आभारी हूँ की तुमने मुझे इतना सम्मान दिया पर लगता है मुझे कोई बीमारी हो गई है ,तुमने मुझे इतने मिस्ठान खिलाये पर ना जाने क्यों अभी भी मेरी जुबान का स्वाद वैसे का वैसा यानि कड़वा ही है "!
sweety ने कुछ देर सोचा फिर मुस्कुरा कर बोली " बहन जरा अपना मुह तो खोलो "salty ने अपना मुह खोला ! Sweety ने देखा की



उसके दांतों में नमक के कई कण लगे हुए है ! उसने उसके सारे दांतों की सफाई की और सब नमक के कणों को साफ़ कर बाहर निकल दिया !फिर उसने उसे चीनी से बने विभिन्न प्रकार के मिस्ठान खिलाये !अब की बार salty को वो मिस्ठान बड़े मीठे और स्वादिस्ट लगे ! उसने भरपूर्वक मिष्ठानों का स्वाद लिया !

ह कहानी कहती है कि... हमें तब तक किसी की अच्छाई नजर नही आ सकती जबतक हमारे मन मेँ उसके प्रति कडवाहट भरी हुई हो अगर जुबान पर कड़वाहट हो तो मीठेपन का स्वाद कैसे आ पायेगा I  इसलिए मिठास पाने के लिए सर्व प्रथम स्वयम का मीठा होना आवश्यक हेै I




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